जीवन जीना है

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मेरे प्रिय मित्रो, मैं रोहित कुमार अपनी ये पहली कविता पुस्तक लिखा हूँ ‘जीवन जीना है (भाग-1)’ मैं आशा करता हूँ कि इसे पढ़ने के बाद आपमें एक नई सोच और विचार को जन्म देगी। जिससे जीवन जीने में दिशा बदल जाएगा।

मैं एक सिविल इंजीनियर हूँ। हमने लगभग भारत के 18 राज्य और विदेश के 6 देश में भ्रमण कर काम किया हूँ। मैं हमेशा से लोगो और मानव कल्याण से जुड़ा कार्य करता रहा हूँ। अपनी जिम्मेदारी के बाद लोगों से मिलना, उसका समस्या को सुलझाने में मदद करता रहा हूँ। समस्या हर एक जीवन में आती है। मेरा मानना है कि जब समस्या यहाँ है तो समाधान भी यही होगा।

अतः अपने आप को शान्त रख कर समाधान करे, कुछ कड़ी टूटने से समस्या उत्पन्न होती है उसे जोड़ने का प्रयास करें। हम जीवन में आगे बढ़ सकते है दूसरे को बिना दबाये हुये। अगर किसी भी पाठक को कुछ आपत्ति हो तो मैं हृदय से क्षमा प्रार्थी हूँ।

धन्यवाद!

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